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विस्तार : सीक्रेट ऑफ डार्कनेस (भाग : 15)






ब्रह्मेश का पूर्वजन्म

सदियो पूर्व जब मणिभद्र देवताओं के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त होकर काली शक्तियों का केंद्र बन चुका था। तब तक यही मान्यता थी कि काली शक्तियों पर किसी एक का नियंत्रण होता हैं और वे निरंकुश अहंकारी और विनाशी प्रवृत्ति के होते हैं।

काली शक्तिधारक, अंधकार के भक्त हैं और यह भूमि उनके संरक्षण एवं विस्तार के लिए अतिमहत्वपूर्ण थी, क्योंकि इस स्थान पर देवता या पुण्य शक्ति उन्हें देख नही सकती। उनके दृष्टिकोण में यहां उन शक्तियों का कोई अस्तित्व ही नही है। अंधेरे की शक्ति के आधार स्तम्भ भी यहीं मणिभद्र और इसके आसपास के क्षेत्रों में ही स्थापित रहती। डार्क फेयरीज़ और मैत्रा ने भी इसी क्षेत्र में अपना वासस्थान बना लिया ताकि वे सुचारू ढंग से अंधेरे की शक्तियों को वितरित एवं आबंटित कर सके। अंधेरे में भी उजाले के समान उच्च दर्जे और महत्वपूर्ण पद आबंटित थे। मगर उसी समय अंधेरे में कुछ महत्वाकांक्षी सिर उठा रहे थे और उनके अनुयायी भी चारों ओर बढ़ते जा रहे थे। इनमें नराक्ष और ग्रेमन मुख्य रूप से सामने आए, इन्होंने स्वयं को अंधकार का देवता घोषित कर दिया।

तब लोगो की विचारधारा थी कि भूत-प्रेत सब अपना प्रतिशोध लेने के लिए या अपने आनन्द के लिए कुछ करते हैं। सत्य भी यही है परन्तु क्या पूर्ण सत्य!

अंधेरे में स्वयं को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए प्रतिस्पर्धा तेज होने लगी थी, नराक्ष एवं ग्रेमन ने अपनी विशाल सेनाओं का प्रबंध कर लिया। अंधेरे में रहने वाले सभी प्राणी दो पक्ष में बंट चुके थे, दोनों ही अंधेरे को विभत्सता की चरम सीमा दिखाने को लालायित थे। उजाले को इस प्रतिस्पर्धा से लाभ तो नही परन्तु भयंकर हानि होनी तय थी क्योंकि इनकी वीभत्सता उजाले के प्राणियों पर ही आजमाई जाती। बहुत प्रयास के बाद भी उजाले को इन सब घटनाओं के पीछे के कारणों का पता नही चला। मणिभद्र ठंड का मौसम आते ही बर्फ से ढक जाता था, नराक्ष और ग्रेमन दोनों ने स्वयं को देवता सिद्ध करने के लिए उजाले पर कहर जारी रखा, देवता इन घटनाओं के पीछे कौन है यह जानने के लिए निरन्तर असफल प्रयास करते रहे।

घने अंधेरे में एक टेड़ी मेड़ी संकरी गली के सामने एक विशाल द्वार था जिसे खोलते हुए एक जलती खोपड़ी वाला अंदर प्रवेश करता है। उसकी खोपड़ी की आग बहुत धीमी गति से जल-बुझ कर रही थी। उसे देखते है हड्डियों के ढाँचे से बने एक ऊँचे आसन पर बैठा हुआ दानव भड़क उठा। उसने अनुमान लगा लिया था कि आज फिर उसके सैनिक सुपीरियर लीडर के हाथो बुरी तरह मात खाकर आये हैं।

"उस तुच्छ कीड़े ने स्वयं को देवता साबित कर रखा है। अब क्या हम उससे ही प्रतिस्पर्धा करते रहें? और तुम सब उस सुपीरियर लीडर से हारकर आ गए" वह अपने आसन से उठता हुआ भड़क उठा। उसका शरीर हल्के नीले और काले रंग का मिश्रण प्रतीत होता था। कंधे पर लम्बे नुकीले कांटे उगे हुए थे, सिर पर स्याह रंग का मुकुट जिसपर जलती आग का चित्र बना हुआ था। वक्ष चौड़ा, कमर में कमर पट्टिका लिपटी हुई जो शायद कोई जलती हुई चैन थी। शरीर पर लाल-पीला वस्त्र जो जलती हुई अग्नि का प्रतिबिंब प्रतीत होता था। चेहरे पर बड़ी-बड़ी जलती हुई लाल आँखे, नाक चपटी और दो लम्बे नुकीले दांत बाहर निकले हुए थे, क्रोध में वह अत्यधिक खूंखार नजर आ रहा था। उसके अत्यधिक क्रोध से उस अंदर आये जीव जिसके सिर पर आग की लपट जल बुझ रही थी, अचानक से पूरी तरह बुझ गयी।

"क्षमा लार्ड ग्रेमन क्षमा! हमारे सेनानायक के आते ही हम अपनी विशाल सेना को एकत्रित कर लेंगे लार्ड ग्रेमन! डार्क लीडर ने कहा है कि वह एक ऐसी शक्ति की खोज में गए हैं जिसे प्राप्त करने के बाद आपकी विजय निश्चित है।" वह जलती हुई खोपड़ी वाला गिड़गिड़ाते हुए क्षमा मांगकर बोला।

"क्या वाकई? यदि ऐसा हुआ तो हम डार्क लीडर को कई महाशक्तियों का स्वामी बना देंगे।" ग्रेमन उत्साहित होकर अपने आसन पर बैठता हुआ बोला।

"वे आते ही होंगे लार्ड ग्रेमन!" उस डार्क गार्ड की खोपड़ी की आग अब सामान्य रूप से जल रही थी।

"अब हमको कोई नही रोक सकता हाहाहा… अब मैं हूँ अंधेरे का नया सम्पूर्ण भगवान!" जोरदार अट्ठहास करते हुए ग्रेमन दोनों हाथों को लहराकर बोला। "परन्तु वह शक्ति कौन सी है, जिसके कारण हम नराक्ष से आसानी से जीत सकते हैं?" वह उस सैनिक की ओर मुखातिब हुआ।

"यह तो आप स्वयं ही देखेंगे लार्ड ग्रेमन!" उस डार्क गार्ड की आँखों में चमक थी, जिस कारण ग्रेमन को उसकी बातों का विश्वास करना पड़ा।

"हाँ! यह तो आप स्वयं ही देख लीजियेगा लार्ड ग्रेमन!"  वहां एक भयावह एवं प्रभावशाली स्वर गूंजता है। डार्क लीडर वहां आ चुका था, उसके साथ हजारों सिर जल रहे सैनिक प्रवेश करते हैं, यह कक्ष इतना विशाल था कि अब भी खाली प्रतीत हो रहा था। उन सैनिकों के पास तीन बड़े एवं काले बक्से थे, जो किसी विचित्र प्रकार की ऊर्जा को स्याह ऊर्जा में मिश्रित कर बनाये गए थे।

"यह रहा आपका तोहफा मेरे स्वामी!" डार्क लीडर घुटनों पर बैठते हुए बोला, डार्क लीडर के ऐसा करते ही सभी सैनिकों ने उसका अनुसरण किया।

"तुमनें यह कैसे कर लिया?" ग्रेमन उन बक्सों को बिना खोले ही उसके अंदर की वस्तु को देख चुका था। उसकी आँखें आश्चर्य से फैल रही थी।

"विशुद्ध स्याह ऊर्जा को कैद करना सरल तो नही है स्वामी परन्तु हमने इस दुष्कर कार्य को बड़ी मेहनत के बाद हासिल किया है क्योंकि इन शक्तियों ने स्वयं को गुप्त रखने के लिए मानव रूप में रखा हुआ था।

"तो तुमनें इन्हें हासिल कैसे किया?" ग्रेमन आश्चर्यचकित था। परन्तु इस शक्ति सफलता से उसकी आँखे चमक रही थी।

"हमने इसकी बहुत दिन तक खोज किया कि हम विशुद्ध ऊर्जा को उसके मानवीय रूप से कैसे जगाए! उत्तर अत्यंत साधारण मिला उसे उसके आसपास वालों की, जिनसे उसकी भावनाओं जुड़ी हुई है उनके रक्तपात का स्वाद चखाओ। ये शक्तियां तो अमर हैं इसलिए हम उस क्षेत्र में भयंकर तबाही मचा दी, जैसे ही वह क्षेत्र पूरी तरह नष्ट हुआ यह शक्तियां जागृत हुईं। चूंकि इन्हें हमने जगाया था इसलिए अब इन्हें हमारा कार्य करना ही होगा।

"तो इसलिए तुमने एक सेना की टुकड़ी सुपीरियर आर्मी को उलझाने के लिए भेज दिया। बहुत खूब! मैं तुम्हारे इस शानदार चाल का प्रसंसक हो गया।" ग्रेमन अपने आसन से उतरकर डार्क लीडर के पास आया। "परंतु अगर इन्होंने अपनी स्मृतियां प्राप्त कर ली और फिर अंधेरे की ऊर्जा को नियंत्रित करने का प्रयास करने लगीं तो?"

"आप इसकी चिंता छोड़ दीजिए! हमने यह खोल इसीलिए बनवाये हैं ताकि इन्हें ऐसी स्थिति में कैद रख सकें। यह कार्य करता है या नही अभी इसका ही परीक्षण कर रहे हैं।" डार्क लीडर मुस्कुराकर बोला, उसके सिर की लपटें और तेज हो गयी।

बक्से खोले गए, बक्सों में काली शक्तियों की आबंटक एवं नियंत्रक 'डार्क फेयरीज़' तथा शक्ति संयोजक 'मैत्रा' थी।

"ग्रेमन तुमसे खुश हुआ डार्क लीडर! अब उस तुच्छ नराक्ष और उसकी सेना को धूल चटाने का समय आ चुका है।" ग्रेमन, डार्क लीडर को प्रसंसा भाव से देखते हुए बोला। उन सबके चेहरे पर धूर्तता नाच रही थी।

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कहीं दूर..

जमीन के भीतर एक विशाल स्याह महल स्थापित था जिसपर जगह-जगह कई तरह की राक्षसी कलाकृतियों को उकेरा गया था। यह देखने में बड़ा ही भयंकर प्रतीत होता था। उसमें एक विशाल कक्ष मौजूद था जो बिना किसी स्तम्भ के सहारे के भी न जाने कैसे टिका हुआ था।

वह महल बाहर से पूरी तरह हिम से ढका हुआ था फिर भी अंदर बहुत गर्मी थी। चारों तरफ अंधकार छाया हुआ था।

"क्या कहा? उसने अंधेरे की महाशक्तियों को हासिल कर लिया है? कैसे?" वहां एक स्वर गूँजा जिसने इस कक्ष हो हिला दिया। उसके समक्ष मात्र दो व्यक्ति खड़े थे। अंधकार में उस व्यक्ति की आँखे चमक रही थी, उसका शरीर कोयले की तरह एकदम काला था जो इस अंधेरे में भी चमकता हुआ प्रतीत होता था। उसके बदन पर नीले रंग की पोशाक थी।

"मुझे नही ज्ञात था कि वह मूर्ख ऐसा चाल भी चल सकता है, इसलिये मैं अपनी जीत की खुशी में असावधान हो गया! मुझे क्षमा करें महान नराक्ष!" उनमें से एक गिड़गिड़ाते हुए जमीन पर गिरकर लोटते हुए बोला।

"असावधानी के लिए यहां कोई स्थान नही है मूर्ख!" नराक्ष क्रोध से खड़ा हो गया, उसका स्याह शरीर और चमकने लगा। नराक्ष के हाथ हिलाते ही वह धूल के कणों में बिखर गया।

"मुझसे भी भूल अवश्य हुई है महान नराक्ष! परन्तु मेरे मित्र वीर ने एक ऐसी शक्ति का पता लगाया है जिससे आप उस ग्रेमन से भी अधिक शक्तिशाली हो सकते हैं।" वह व्यक्ति अपने घुटनों पर बैठकर डरते हुए बोला।

"कौन सी शक्ति सुपीरियर लीडर?" नराक्ष का क्रोध अभी तक शांत नही हुआ था।

"वह विशुद्ध ऊर्जा का बना जीव है स्वामी!" प्रवेश करते हुए वह व्यक्ति बोला।

"वीर!!" सुपीरियर लीडर चौका।

"मैंने उन शक्ति को ढूंढ लिया है स्वामी! वह विशुद्ध स्याह ऊर्जा से निर्मित है।" वीर मुस्कुराते हुए अमन के पास खड़ा होकर बोला।

"वह हमें इतनी ऊर्जा दे सकता है? कौन है वह शक्ति स्त्रोत!" नराक्ष को वीर पर पूरा विश्वास था।

"विस्तार!" वीर ने जवाब दिया।

"विस्तार?"

क्रमशः….


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3 Comments

Kaushalya Rani

25-Nov-2021 10:13 PM

Magical power..Omg..

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Barsha🖤👑

25-Nov-2021 06:16 PM

एकदम जादुई दुनिया में.. अद्भुत

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Aliya khan

21-Jul-2021 12:24 AM

Badiya

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